- इस मिशन को शुरू करने का उद्देश्य क्या था ?
उद्देश्य :-
2004 में मेरे कॉलेज के दिनों के दौरान हमारे प्राध्यापक शरीफ शैक ने
उल्लेख किया था कि गायों को भोजन के साथ खाने वाले प्लास्टिक द्वारा नुकसान पहुंचा
है। उसकी चिंता और भावनाएं मेरे मन तक नहीं पहुंच पाई थीं और मैं उस समय इस विषय पर
विचार नहीं किया था।
कई सालों के बाद, मैंने अपने इलाके में चेन्नई में इस समस्या को बहुत
करीब से देखा। गाय दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं, तथा पोस्टर, प्लास्टिक के कवर अथवा
रेत खाने से भी मरते है। मैं जब लोगो को बीफ की दुकानों के सामने इंतजार करते देखा
तो दंग रह गया। यह केवल चेन्नई में ही नहीं बल्कि पूरे भारत के सभी प्रमुख शहरों और
राज्यों में हो रहा है।
प्लास्टिक गाय प्रोजेक्ट- करुना सोसायटी के माध्यम से हमारे देश के गायों
और अन्य जानवरों के लिए काम करने वाली एक विदेशी महिला को देखकर मुझे हैरान हुआ, जो
गायों द्वारा प्लास्टिक की थैलियों के खपत पर जागरूकता लाने के बारे में है, उनके सर्जन
ने 30-60 किलो प्लास्टिक की थैलियां, नैपकिन, नाखून तथा रेत
आदि बरामद की हैं । इस प्रक्रिया के माध्यम
से उनकी टीम ने कई गायों को बचाया है।
इन घटनाओं ने मुझे बहुत परेशान किया और आखिरकार मुझे गाय सेवा
आंदोलन को आरंभ करने के लिए प्रेरित
किया। गाय सेवा ने पूरे भारत में सभी गायों
को बचाने के लिए नई अवधारणा के साथ एक महान परियोजना योजना तैयार की है। मुझे विश्वास
है कि यह परियोजना पवित्र गाय को बचाने में मदद करता है, और हर किसी को संतुष्ट करता है।
गायों को बचाओ। *** गाय सभी के लिए हैं
***
नोट: गाय सेवा किसी भी धर्म, किसी भी विशिष्ट लोगों की आलोचना नहीं करना
है।
सादर, विष्णु @ “Goseva world- गाय सेवा दुनिया ” GWH-2
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